एक खत लिख रहा तेरे नाम पे,
उम्मीद है तू इसे पढ़ेगी,
जज़्बात है मेरे इन अल्फ़ाज़ों में,
उम्मीद है तू उन्हें समझेगी ||
यूँ तो मालूम है तू मुझेे बरसों से,
पर तेरी ख़ूबसूरती अब जाके भाई,
दिल तो चाहता है कि अरमानों का इज़हार यहीं कर दूँ।
पर कम्बख्त रोशनाई है हमने कम पाई ||
खूब सुनता आ रहा बचपन से तेरे बारे में,
पर किसी ने रूबरू नहीं कराया ,
और जब जाना मैंने तुमको इस मोड़ पे आ कर,
ऐसा लगा जैसे मैंने कितना कुछ है गवाया ||
सुना है कई लोग कोसते हैं तुझे,
अपने ही गलतियों की वजह बताकर,
पर अफ़सोस करेंगे वो भी एक दिन
तेरी अदाओं का अहमियत जानकर ||
यूँ तो बहुत खोया हूँ मैं,
हर जगह तेरी तलाश में,
पर अब जो तू मिल गई है,
बिताऊंगा जीवन साथ में ,
ऐ ज़िन्दगी ,
एक खत लिख रहा तेरे नाम पे,
उम्मीद है तू इसे पढ़ेगी,
जज़्बात है मेरे इन अल्फ़ाज़ों में,
उम्मीद है तू उन्हें समझेगी ||
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